
Motivational Poetry For Students in Hindi
By Vanya Vatsalya
अभी हारी नहीं हूं।
अभी हारी नहीं हूं,
थोड़ी उड़ान अभी बाकी हैं।
टूटी मैं हूं,सपनो में जान अभी बाकी हैं।
दुनिया से ठुकराई गई हूं,
अपनों का साथ अभी बाकी हैं।
ठोकर खा कर गिरी हूं,
गिर कर संभालना अभी बाकी हैं।
सपनो की दुनिया में खोई नहीं हूं,
इस दुनिया में पहचान बनानी अभी बाकी हैं।
बदलो की उचाई से बेख़ौफ़ हूं,
पर उस आसमान को छूना अभी बाकी हैं।
अभी हारी नहीं हूं,थोड़ी उड़ान अभी बाकी हैं।।
Vanya Vatsalya

Vanya Vatsalya
मेरा नाम वान्या हैं। मैं बिहार से हूं और लिखने का शौख रखती हूं।
यह कविता मेरी खुद की लिखी हुई है। इस कविता से मुझे प्रेरणा मिलती है।
मैं आशा करती हूं कि आप सभी को यह कविता पसंद आएगी।
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