
Adhuri Hasrate has a collection of Poem on Mother in Hindi. As we all know anyone can not take place of our Mother.
Poem on mother in hindi
माँ वो है – Maa Wo Hai
हो जिनके सर पर माँ की दुवाएं ,
किस्मत वाले होते है वो बच्चें जिनकी है माँयें !
क्या लिखूँ मैं उस माँ के बखान में,
जो प्यार, खरीदे ना मिले कहीं इस पूरे संसार में !
माँ वो है जिसकी कोई रंग-रुप नही ले सकता है,
माँ के अलावा अपने बच्चे का ख्साल कोई और नही रख सकता है !
नहीं चुका सकता इस दुनिया में माँ का कर्ज कोई,
वो माँ ही तो है जो बच्चे को बतलाती है हर फर्ज नई !
वो माँ ही है जो बोलना, पढना सिखाती है,
वो माँ ही है जो सबका सम्मान करना सिखाती है !
वो माँ ही है जो दुनिया के साथ चलना सिखाती है,
वो माँ ही है जो खुद दर्द सहती और हमे हँसना सिखाती है !
वो माँ है जो बिना कुछ कहे सब कुछ समझ जाती है,
वो माँ ही तो है जो अपने बच्चो को अपने हाथो से खिलाती हैं !
वो माँ ही है जो हमे सही गलत की पहचान कराती है,
वो माँ ही है जो बेटी को विदा कराते वक़्त सबसे ज्यादा आँसू बहाती है !
इसलिए तो माँ भगवान का रूप होती है,
बच्चों को जो देती अक्सर छाव, ऐसी धुप है तू!
मेरी माँ, मेरा अभिमान !!
Poetry For Mother in Hindi
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो – Maa Mujhe Tum Aksar Yaad Aati Ho
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो,
पर मेरे सपनों में तुम मुझे नींद से जगाती हो !!
इस शहर में मेरे नखरे छोटे पड़ते है बिलकुल,
पर मेरे संपनो में, माँ तुम मेरे नखरे उठाती हो !!
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो,
ये शहर बहुत तकलिफ देती है माँ,
पर मेरे सपनो में तुम थप्पड़ में प्यार बरसाती हो,
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो !!
ये शहर मुझे हर मोड़ पर रुलाता है,
पर मेरे सपनो में माँ तुम मुझे हर दफ़ा हँसाती हो,
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो !!
देता है ये शहर परोस के बस भोजन,
पर मेरे सपनो में हर रोज मुझे माँ, अपने हाथ से निवाला खिलाती हो,
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो !!
ये शहर मुझे बस तनहाई देती है,
पर मेरे सपनो में माँ तुम सारा दुनिया घुमाती हो,
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो !!
माँ मुझे तुम अक्सर याद आती हो,
पर मेरे सपनों में तुम मुझे नींद से जगाती हो !
Poetry For Mother in Hindi
माँ – Maa
माँ
प्यार भरे हाथों से हमेशा जो थकान दूर करती है,
बात जब भी हो खाने कि,तो सबसे पहले वो याद मुझे ही करती है !
ना आए कभी कोई आँच उसपे रब से है यही दुआ मेरी,
वो माँ ही है जो हमें सदा निस्वार्थ सबसे ज्यादा प्रेम करती है !
झूठ बोलकर अक्सर वो मुझे पापा के गुस्से से बचती है,
पर कमरे में मुझे लेजाकर झूठ-मूठ का डांट लगाती है !!
अगर कहीं चला जाउँं जो मैं तो वो मेरे यादों मे आँसू बहती है,
वो माँ ही है जो हम पर नित्यदिन प्यार जताती है !!
बचपन से लेकर आज तक उसने बड़े लार से मुझे पाला है,
एक खिलोने की तरह उसने मुझे जत्तन से सम्भाला है !!
खुद भूखे रहकर भी जिसने मेरा पेट पाला है,
वो माँ ही है जिसने मुझे हरेक निवाला खिलाया है!!
सोते वक्त हमेशा मुझे लोरी जिसने सुनाया है,
वो माँ ही है जिसने मेरे मन से अँधियारे का डर भगाया है!!
कहना है अन्त मे बस यही,
हे ईश्वर के दूत तुम बिना ये दुनिया है अधुरी,
ना आये कभी हमारे बीच कोई भी दुरी !!
कभी ना अदा कर पाया जिसने तेरे नौ महिने का कर्ज,
आशीर्वाद रहे तेरा सदा मुझपर ताकि नीभाऊ मै हर वो फ़र्ज !!
Poetry For Mother in Hindi
सर्द हो या गर्मी – Sardi Ho Ya Garmi
सर्द हो या गर्मी, हरेक रातों में जब कभी भूख मुझे सताती है,
जलाकर अपनी उँगलियाँ वो अक्सर गरम रोटी ही मुझे खिलाती है!!
चाहे कितना भी थक-हार कर आये हो वो बिछावन पर,
लेकिन फिर भी वो हर रोज़ अपने मुन्ने को लोरी गा के ही सुलती है !!
टूटती है वो हर दफ़ा मेरे जीवन को संवारते-संवरते,
समाज की ताने सुन, फिर भी वो सदैव मुस्कुराती है !!
करती है हर बेतुके जिद्द को अक्सर वो पूरी,
ना हो अगर पैसे उसके पास तो खुद पापा से दिलाती है !!
गलती जो करू अगर मै कभी, तो फिर मुझे डाँट-फटकार लगाये,
और बुरी लगे जो डाँट उसकी, तो होठो से अपनी मेरे गालों को सहलती है !!
माँ ही नहीं, दुनिया है वो मेरी,
जो मेरी बचकानि हरकतों के लिए, चन्दा मामा को भी बुलाती है !!
Poetry For Mother in Hindi
है प्यार मेरी माँ – Hai Meri Pyari Maa
है प्यार मेरी माँ को मुझसे तो वो कैसे ना जताती,
देख जख्मों को मेरी, वो खुद आँसू बहाती !!
कर ना सके जो लाख डॉक्टरों के दवाई काम,
वो काम मेरी माँ के घरेलू नुस्खे कर जाती !!
जब तक मैं उभर ना पाऊ अपनी बिमारियों से,
तब तक मेरी माँ मुझे अपने आँचल मे सुलाती !!
माँगू जो कभी मैं कितने भी रोटी खाने को,
अक्सर माँ मेरी एक ज्यादा ही ले आती !!
डाँट देता हुँ अक्सर हाल पूछने के करण अपनी माँ को,
फिर भी वो रोज़ हाल पूछने से बाझ नहीं आती !!
जाती तो है वो अपने ईश्वर को पूजने मन्दिर में,
पर वो अक्सर मेरे नाम की ही प्रसाद है चढ़ाती !!
जब हो उसके लडले को गर्मी मे थोड़े भी पसीने,
आँचल फैलाये अपने, अक्सर मेरे पसीने पोछ जाती !!
है कामना ईश्वर से सदा यही मेरी,
के काश हर जनम मे ऐ माँ, तू ही मेरी माँ बन जाती !!
Poetry For Mother in Hindi
Kudrat Ki Hai Ek Ehsaan Badi – कुदरत की है एक अहसान बड़ी
कुदरत की है एक अहसान बड़ी,
ना पढ़ कर भी मेरी माँ है अत्यंत पढ़ी !
अक्षरों का ज्ञान कम है उसे,
पर मन के भाव पढ़ने मे अव्वल है बड़ी !
डर जाता है मन माँ के बिछड़ने के विचार से,
ना रह सकूँगा बीन उसके आँचल के कहीं !
दूर हो के भी आसमां लगे कि पास है,
बीन माँ के गोद के नींद आती ही नहीं !
होती है काली अन्धेरी रात वो ,
जब अपने माँ के आँखो मे देखूँ आँसू की लड़ी !
लाखों दुखों को झेल कर जिसने सिंचा यहाँ तक,
विनती है खुदा से कि कभी आये ना कोई दुख की घड़ी !
क्या लिखूँ अब अपनी माँ के लिए,
बस मेरी दुनिया माँ के द्वारा लिखी उसकी गोद मे पड़ी !!
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